CBSE Class 12 राजनीति विज्ञान पुनरावृति नोटस पाठ-5 समकालीन दक्षिण एशिया
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CBSE Class 12 राजनीति विज्ञान पुनरावृति नोटस पाठ-5 समकालीन दक्षिण एशिया

CBSE Class 12 राजनीति विज्ञान
पुनरावृति नोटस
पाठ-5 समकालीन दक्षिण एशिया

स्मरणीय बिन्दु-

बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका को मुख्यतः दक्षिण एशियाई क्षेत्र मानते हैं। इन क्षेत्रों की विशिष्ट भौगोलिक, सामाजिक भाषाई तथा सामाजिक, सांस्कृतिक एकता/समानता ने इनकी नजदीकियाँ बढ़ाई हैं।
2005 में अफगानिस्तान को भी शामिल किया गया व म्यांमार पर भी चर्चा की जाती है परन्तु चीन को इस क्षेत्र का प्रमुख राष्ट्र होते हुए भी दक्षिण एशिया का अंग नही माना जाता।
उत्तर की विशाल हिमालय पर्वत शृंखला, दक्षिण का हिंद महासागर, पश्चिम का अरब सागर और पूरब में मौजूद बंगाल की खाड़ी दक्षिण एशिया को भौगोलिक विशिष्टता प्रदान करते हैं।
श्रीलंका सन् 1948 में स्वतन्त्र हुआ दक्षिण एशियाई क्षेत्रों में जातीय संघर्ष, सीमा-विवाद नदी जल के बंटवारे के विवाद तथा संसाधनों को लेकर झगड़े होते रहे है।
इस क्षेत्र में लोकतंत्र का रिकार्ड मिला-जुला रहा। इन देशों की जनता लोकतंत्र की आकांक्षाओं में सहभागी रही।
पाकिस्तान में दो सरकारों बेनजीर भुट्टो व नवाजशरीफ की सरकारों को छोड़ लोकतंत्र न रह सका जिसका कारण वहाँ सेना धर्मगुरु और भू-स्वामी अभिजनों के सामाजिक दबदबे को माना जाता है।
नेपाल में भी लोकतन्त्र व राजशाही की लम्बी जद्दोजहद के पश्चात भी लोकतन्त्र की जड़े मजबूत नहीं हो पाई।
श्रीलंका की राजनीति में सिंहली समुदाय कापफी वर्चस्व रखता है। एक बड़ी आबादी इसके खिलाफ है। 1983 के बाद से उग्र लिट्टे के सभी ठिकानों पर श्रीलंकाई सेना ने कब्जा कर लिया है। तमिल संगठन ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम’ श्रीलंकाई सेना के साथ सशस्त्र संघर्ष कर रहा है।
दक्षिण एशिया के राष्ट्रो ने मिलकर 1985 में दक्षेस साउथ एशियन एसोशियन फॉर रीजनल कोऑपरेशन (SAARC) का निर्माण किया।
क्षेत्र के दो राष्ट्रो भारत व पाकिस्तान के सम्बन्ध सदैव तनावपूर्ण रहे। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई. एस. आई पर बंग्लादेश और नेपाल के गुप्त ठिकानों से पूर्वोत्तर भारत में भारत विरोधी अभियानों में भागीदारी होने का आरोप लगता रहा है।
2005 में 13वें सार्क शिखर सम्मेलन ढाका में अफगानिस्तान को सार्क में शामिल करने पर सहमति बनी। 2007 के 14वें शिखर सम्मेलन (नई दिल्ली) में अफगानिस्तान पहली बार सार्क शिखर सम्मेलन में शामिल हुआ।
विश्वीकरण के दौर में हुए सार्क सम्मेलनों में जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबन्धन एवं आतंकवाद की समाप्ति संबंधी तथा इस क्षेत्र में व्यापार एवं विकास को बढ़ावा देने हेतु कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं।
नेपाल व भारत के नागरिक, दोनो देशों के मधुर सम्बन्धों की वजह से एक दूसरे के यहाँ बगैर पासपोर्ट व वीजा के आ जा सकते है। इन सब के बावजूद भारत की सुरक्षा एजेंसिया नेपाल में चल रहे माओवादी आन्दोलनों को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानती है।
दक्षेस को विभेदों के कारण ज्यादा सफलता नहीं मिल पाती, संघर्ष चलते रहते है। इसके बावजूद भी ये देश आपसी दोस्ती के रिश्तों व सहयोग के महत्व को पहचानते व समझते है।
बांग्लादेश और भारत पूरब चलो की नीति का हिस्सा है।
व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौता (SAFTA) पर 2004 में हस्ताक्षर हुए तथा 1 जनवरी 2006 में यह लागू अर्थात प्रभावी हो गया। 2007 में इन देशों के बीच आपसी व्यापार में लगने वाले सीमा शुल्क को 20 प्रतिशत कम कर दिया गया।
सार्क का 18वाँ शिखर सम्मेलन 26-27 नवम्बर 2014 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में सम्पन्न हुआ जिसका विषय शांति एवं समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध एकजुटता था।
BIMSTEC (Bay of Bengal Intiative for multi sectoral Technical and Economic Cooperation) बंगाल की खाड़ी बहु-क्षैत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम इसके सदस्य देश, बांग्लादेश, भारत, बर्मा श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल है।
वर्तमान में भारत बिम्सटेक (BIMSTEC) पर अधिक बल दे रहा है, इसके वरिष्ठ अधिकारियों की 17 वीं बैठक फरवरी 2017 में काठमांडू (नेपाल) में आयोजित की गई। इस बैठक में व्यापार और निवेश, ऊर्जा प्रद्योगिकी, मत्स्यपालन, जलवायु, परिवर्तन, संस्कृति, लोगों के बीच संपर्क और अन्य क्षेत्रों के बारे में चर्चा की गई।
दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों में एक सि राजनीतिक प्रणाली नहीं है:-
भारत और श्रीलंका में आजादी के बाद से लोकतंत्र है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश में कभी लोकतंत्र और कभी सैन्य शासन रहा है।
नेपाल में 2006 तक संवैधानिक राजतंत्र था और बाद में लोकतंत्र की बहाली हुई है।
भूटान में राजतन्त्र है।
मालदीव सन् 1968 तक सल्तनत हुआ करता था। अब यहाँ लोकतंत्र है।
दक्षिण एशिया के लोग लोकतंत्र को अच्छा मानते है और प्रतिनिधिमूलक लोकतंत्र की संस्थाओं का समर्थन करते हैं।
दक्षिण एशिया के लोकतंत्र के अनुभवों से लोकतंत्र के बारे में प्रचलित यः भ्रम टूट गया कि 'लोकतंत्र सिर्फ विश्व के धनी देशों में फल-फूल सकता है।'
अन्य
बांग्लादेश मे 1991 के बाद से बहुदलीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था है।
भूटान के राजा ने भी लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम की।
भारत ने भूटान व मालदीव के आर्थिक विकास में मदद की। दोनों ही दक्षिण एशिया के सबसे शान्त प्रदेश है।
भारत 15 अगस्त, 1947 और पाकिस्तान 14 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश राज्य की समाप्ति के बाद स्वतंत्र राज्य के रूप में उभर कर सामने आए।
1948 श्रीलंका (तत्कालीन सिलोन) को आजादी मिली, कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई।
दक्षिण-एशिया में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, अफगानिस्तान, मालद्वीप, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं |
चीन दक्षिण एशिया का देश है, परंतु उसे दक्षिण एशिया का अंग नहीं माना जाता है।
भारत और श्रीलंका में लोकतांत्रिक शासन रहा है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश में लोकतांत्रिक और सैनिक दोनों तरह का शासन रहा है।
नेपाल में संवैधानिक राजतंत्र था।
भूटान में राजतंत्र है।
मालद्वीप ने अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली अपनाई है।
बांग्लादेश 1971 में पाकिस्तान से अलग स्वतंत्र राज्य बना।
अगस्त 1971 में भारत और सोवियत संघ ने 20 सालों के लिए मैत्री संधि पर दस्तखत किए।
दिसंबर 1971 में भारत-पाक युद्ध हुआ तथा बांग्लादेश की मुक्ति हुई।
पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था में सेना बहुत प्रभावशाली है। यही कारण है कि यहाँ बार-बार सैन्य शासन लोकतंत्र को कुचलता रहा है। ऐसा ही बांग्लादेश में भी हुआ है।
सर्वप्रथम देश की बागडोर जनरल अयूब खान ने ली फिर जनरल याहिया खान तत्पश्चात जनरल जिया-उल-हक और 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने जनता द्वारा निर्वाचित सरकार को हटाकर सैनिक शासन की स्थापना की।
कुछ समय के लिए अवश्य जुल्फिकार अली भूट्टो, बेनजीर भुट्टो तथा नवाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार कार्यरत रही। वर्तमान में नवाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार कायम है।
1999 में पाकिस्तान में सैनिक तख्तापलट हुआ।
पाकिस्तान सैनिक शासक अपने शासन को लोकतांत्रिक जताने के लिए समय-समय पर चुनाव कराते रहे हैं।
1947 से 1971 तक बांग्लादेश पाकिस्तान का अंग था।
शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में बांग्लादेश ने स्वतंत्रता के लिए 1969 में जन आंदोलन छेड़ दिया।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की समाप्ति के साथ ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
बांग्लादेश ने स्वयं को धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक तथा समाजवादी देश घोषित कर दिया।
1991 के बाद से बांग्लादेश में बहुदलीय चुनावों पर आधारित प्रतिनिधिमूलक लोकतंत्र कायम है।
नेपाल में राजतंत्र और लोकतंत्र दोनों कायम है।
नेपाल एक हिंदू राज्य है।
नेपाल में 240 वर्षों तक चली तानाशाही का अंत 24 मई, 2008 को हो गया।
वर्तमान में माओवादियों ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया।
1990 में पहली बार लोकतंत्र समर्थक आदोलन की चपेट में आकर लोकतांत्रिक संविधान की माँग राजा ने मान ली।
राजा की सेना और माओवादियों के बीच संघर्ष चलता रहा।
2002 में राजा ने संसद को भंग कर दिया।
अप्रैल 2006 में राजा ज्ञानेंद्र ने संसद को फिर बहाल किया। इसमें सात दलों के गठबंधन, माओवादी तथा सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।
नेपाल सरकार अपने संविधान का गठन करना चाहती हैं।
नेपाल के द्वारा वर्तमान में अपनाए गए संविधान के तहत खड्ग प्रसाद शर्मा ओली अक्टूबर 2015 से नेपाल के नए प्रधानमंत्री है।
श्रीलंका में लोकतांत्रिक शासन होते हुए जातीय संघर्ष कायम रहा है।
श्रीलंका में 20 प्रतिशत तमिल व 80 प्रतिशत सिंहली नृवंशीय लोग रहते हैं।
1983 में श्रीलंका में तमिल लोगों ने तमिल संगठन बनाया, जिसे 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम' (लिट्टे) कहा जाता है।
मई 2009 में श्रीलंकाई सेना द्वारा लिट्टे (LTTE) प्रमुख प्रभाकरन के मारे जाने के पश्चात श्री लंका में वर्षों से चले आ रहे गृह युद्ध की समाप्ति हुई।
तमिल ईलम ने श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी हिस्से पर नियंत्रण किया हुआ था।
नार्वे, आइसलैंड जैसे देश भी मध्यस्थता करके इस संघर्ष को समाप्त कराना चाहते थे।
श्रीलंका में जनसंख्या वृद्धि पर पूर्ण नियंत्रण है। इसीलिए वह विकासशील देशों में प्रथम है, जिसने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया है।
प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद श्रीलंका में दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा है।
भारत और पाकिस्तान में 1947-1948, 1965, 1971 तथा 1999 में युद्ध हुए हैं।
1999 में कारगिल में पाकिस्तान समर्थक उग्रवादियों ने हमला कर दिया।
1998 में भारत ने पोखरण में और जबाव में पाकिस्तान ने चंगाई पहाड़ी पर परमाणु परीक्षण किया।
पाकिस्तान कश्मीरी उग्रवादियों को भारत के विरुद्ध हथियार, प्रशिक्षण और धन देता हैं।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई०एस०आई० भी भारत विरोधी अभियान में शामिल है।
भारत और पाकिस्तान के बीच नदी विवाद सुलझाने के लिए 'सिंधु-जल संधि' 1960 में की गई थी जो अभी भी कायम हैं।
कच्छ के रन और सरक्रिक की सीमाओं को लेकर दोनों देशों में विवाद निरंतर बना रहता है।
बांग्लादेश और भारत के बीच गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी के जल को लेकर मतभेद बना रहता है।
बांग्लादेश भारत की 'पूरब चलो' की नीति का हिस्सा है।
भारतीय सरकार ने नेपाल के लोगों को बिना वीजा पासपोर्ट के भारत में आने-जाने और काम करने की इजाजत दे रखी है।
भारत और नेपाल-व्यापर, वैज्ञानिक सहयोग, साझे प्राकृतिक संसधन, बिजली उत्पादन और जल प्रबंध ग्रिड के मसले पर सहयोग करते हैं।
1987 में भारत सरकार ने श्रीलंका के अंदरूनी मामलों में असलग्नता की नीति अपनाई।
श्रीलंका में सुनामी में भारत ने पुनर्निर्माण कार्यों में मदद की।
भारत-भूटान संबंध अच्छे व सहयोगपूर्ण रहे हैं।
भारत-मालद्वीप संबंध सौहार्दपूर्ण रहे हैं।
भारत दक्षिण एशिया का शक्तिशाली देश हैं। वह अपना दबदबा बनाए रखना चाहता है।
नेपाल-भूटान, बांग्लादेश-म्यांमार और बांग्लादेश-नेपाल के बीच किसी न किसी विषय को लेकर झगड़ा होता रहता है।
दक्षेस-दक्षिण एशियाई देशों द्वारा बहु-स्तरीय साधनों में सहयोग की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम हैं।
सार्क की स्थापना 1985 में की गई थी।
दक्षेस देशों ने 2002 में दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते पर हस्ताक्षर किए।
चीन और संयुक्त राज्य अमरीका दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
1991 के बाद भारत-चीन आर्थिक संबंध अधिक मजबूत हुए हैं।
1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ।
1974 में भारत ने परमाणु परीक्षण किए।
1976 में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संबंध बहाल हुए।
1987 में भारत और श्रीलंका समझौता हुआ और भारतीय शांति सेना का श्रीलंका में अभियान (1987-90) चला।
1988-मालद्वीप में भाड़े के सैनिको द्वारा किए गए षड्यंत्र को नाकाम करने के लिए भारत ने सेना भेजी। भारत और पाकिस्तान के बीच एक-दूसरे के परमाणु ठिकानों और सुविधाओं पर हमला न करने के समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
1988-91-पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में लोकतंत्र की बहाली।
दिसंबर 1996-भारत-बांग्लादेश के बीच फरक्का संधि पर हस्ताक्षर हुए।
1998 में भारत और श्रीलंका ने मुक्त व्यापर संधि पर हस्ताक्षर किए |
फरवरी 1999–भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बस-यात्रा पर लाहौर गए और शांति के लिए एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए |
जुलाई 2001-वाजपेयी-मुशर्रफ के बीच आगरा बैठक असफल रही।

एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
पाठ-5
समकालीन दक्षिण एशिया

1. देशों की पहचान करें-

(क) राजतंत्र, लोकतंत्र समर्थक-समूहों और अतिवादियों के बीच संघर्ष के कारण राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण बना।
(ख) चारों तरफ भूमि से घिरा देश।
(ग) दक्षिण एशिया का वह देश जिसने सबसे पहले अपनी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया।
(घ) सेना और लोकतंत्र-समर्थक समूहों के बीच संघर्ष में सेना ने लेाकतंत्र के ऊपर बाजी मारी।
(ड़) दक्षिण एशिया के केंद्र में अवस्थिता 'इस देश की सीमा' दक्षिण एशिया के अधिकांश देशों से मिलती हैं।
(च) पहले इस द्वीप में शासन की बागडोर सुल्तान के हाथ में थी। अब यह एक गणतंत्र है।
(छ) ग्रामीण क्षेत्र में छोटी बचत और सहकारी ऋण की व्यवस्था के कारण इस देश को गरीबी कम करने में मदद मिली हैं।
(ज) एक हिमालयी देश जहाँ संवैधानिक राजतंत्र हैं। यह देश भी हर तरफ से भूमि से घिरा है।

उत्तर- (क) नेपाल
(ख) नेपाल
(ग) श्रीलंका
(घ) पाकिस्तान
(ड़) भारत
(च) मालद्वीप
(छ) बाग्लादेश
(ज) भूटान

2. दक्षिण एशिया के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा गलत है?

(क) दक्षिण एशिया में सिर्फ एक तरह की राजनीतिक प्रणाली चलती हैं।
(ख) बांग्लादेश और भारत ने नदी-जल की हिस्सेदारी के बारें में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
(ग) साफ्टा पर हस्ताक्षर इस्लामाबाद के 12वें सार्क सम्मेलन में हुए।
(घ) दक्षिण एशिया की राजनीति में चीन और संयुक्त राज्य अमरीका महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उत्तर- (क) दक्षिण एशिया में सिर्फ एक तरह की प्रणाली चलती हैं।

 3. पाकिस्तान के लोकतंत्रीकरण में कौन-कौन सी कठिनाइयाँ हैं?

उत्तर- पाकिस्तान में 1947 में स्वतंत्र होने के बाद से ज़्यादातर सैनिक शासन ही रहा हैं। पाकिस्तानी सैनिक शासकों ने खुद को लोकतांत्रिक दिखाने करने के लिए चुनाव भी कराए हैं। पाकिस्तान में लोकतंत्र के स्थायी न बनने के कई कारण हैं। पाकिस्तान में सेना, धर्मगुरु और भूस्वामी अभिजनों का प्रभुत्व रहा है, जिसकी वजह से कई बार निर्वाचित सरकारों को गिराकर सैनिक शासन कायम हुआ हैं। पाकिस्तान के भारत के साथ कभी मधुर और अच्छे संबंध नहीं रहे हैं, जिसकी वजह से सेना ने सदैव अपना ज़्यादा  प्रभाव रखा है। यहाँ के दल कहते हैं कि यहाँ राजनीतिक दल और लोकतंत्र सफल नहीं हो सकते | पाकिस्तान को लोकतान्त्रिक शासन चलाने के लिए कोई विशेष अंतर्राष्ट्रीय समर्थन भी नहीं मिला है ।

4. नेपाल के लोग अपने देश में लोकतंत्र को बहाल करने में कैसे सफल हुए?

उत्तर- नेपाल में कई वर्षों तक संवैधानिक राजतंत्र ने सफलतापूर्वक काम किया है। लेकिन आम जनता तथा नेपाल की राजनीतिक पार्टियों ने 1990 में लोकतांत्रिक संविधान के लिए आवाज उठाई । 1990 में नेपाल के विभिन्न भागों में माओवादी, राजा और सन्ताधारी के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह होने लगें। 2002 में राजा ने संसद को भंग करके लोकतांत्रिक शासन कों खत्म कर दिया। 2006 में लोकतंत्र समर्थक राजा ज्ञानेंद्र ने संसद को बहाल किया। इसमें सात दलों के गठबंधन, माओवादी तथा सामाजिक कार्यकताओं का नेतृत्व था। 2001 से 2005 तक नेपाल में माओवादियों द्वारा खूनी गृहयुद्ध चलता रहता था। इसी कारण  २००५  में राजा ज्ञानेंद्र द्वारा फिर से पूर्ण राजशाही कर दी गई, जिससे 2006 में दोबारा अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण पुरानी संसद बहाल हुई।

नेपाल में लोकतंत्र की बहाली में तीन मुख्य घटनाक्रम हुए-एक संसद ने राजा ज्ञानेंद्र के सारे ज़्यादातर  छीन लिए, दूसरा संसद सर्वोच्च होगी, तीसरा माओवादियों ने अंतरिम सरकार में शामिल होने का फैसला किया। 2006 में गिरिजा प्रसाद कोइराला प्रधानमंत्री बने। माओवादी समूहों ने सशत्र संघर्ष को छोड़कर शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। नेपाल अभी भी इतिहास के एक अद्वितीय दौर से गुजर रहा है, क्योंकि वहाँ संविधान सभा के गठन की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। वर्ष 2014 में 11 फरवरी, 2014 को सुशील कोइराला ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और वर्तमान में राष्ट्रपति रामवरन यादव हैं।

5. श्रीलंका के जातीय संघर्ष में किनकी भूमिका प्रमुख है?

उत्तर- श्रीलंका की 1713 मिलियन की जनता में 74% सिंहली, 13% श्रीलंका के तमिल, 6% भारत मूल के तमिल और शेष कुछ लोग रहते हैं। तमिल धर्म से हिंदू कहलाते हैं और सिंहली बौद्ध। तमिल लोगों ने श्रीलंका के उत्तर के जाफना जिले पर अधिकार कर रखा है। विभिन्न कारणों से श्रीलंका के तमिलों में असुरक्षा, अविश्वास और आतंक की भावना स्थित रही है। जयवर्द्धने की सरकार ने तमिलों के विरुद्ध घोर भेदभावपूर्ण नीति रखी हैं। 1977 के  पश्चात चार बड़े दंगे और 1983-85 का नरसंहार आदि ने तमिल निवासियों को बाध्य कर दिया कि वे समुद्र में कूद पड़े या समुद्र पार कर भारत आ जाएँ।

श्रीलंका के तमिलों के वर्तमान आंदोलन का मुख्य कारण बहुसंख्यक सिंहलियों द्वारा की गई भेदभाव की नीति है। देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में सिंहली शासक वर्ग का एकाधिकार है। दूसरी ओर बौद्ध धर्म देश का राष्ट्रीय धर्म हैं। सरकारी नौकरियों में भर्ती, विश्वविद्यालयों आदि में सिंहलियों को आगे रखा जाता है। श्रीलंका में तमिल लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए एक राजनीतिक संगठन तमिल ईलम (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) नामक उग्र तमिल संगठन का गठन किया है। तमिलों का एक और संगठन तुल्फ (TULF) स्वायत्तता की माँग कर रहा हैं। यह संगठन श्रीलंका का बटवारा नहीं करना चाहता, परंतु यह तमिलों के लिए एक स्वतंत्र देश के नागरिकों की तरह जीवन व्यतीत करने का अधिकार पाना चाहता है। यही मुद्दा तमिल आंदोलन का मुख्य आधार हैं।

6. भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में क्या समझौते हुए?

उत्तर- समय-समय पर दोनों देशों केबीच संबंधों को सुधारने के कई प्रयत्न किए गए। हाल के वर्षों में दोनों देशों के मध्य कई मामलों में वार्ताओं के दौर चल रहें हैं। भारत और पाकिस्तान के मध्य हिंसा और झगड़े कभी न खत्म के बीच संबंधों को सुधारने के लिए कई समझौते हुए हैं, जो निम्न हैं-

श्रीनगर-मुजफ्फराबाद बस सेवा शुरू की गई, इसके साथ ही व्यापार को बढ़ाने के लिए ट्रकों के आने-जाने पर सहमति जताई।
खोखरापार-मुनाबाओ रेल सेवा सिंध और राजस्थान के मध्य शुरू की गई।
20 जनवरी, 2006 को तीसरा सड़क मार्ग अमृतसर व लौहार के मध्य बस सेवा शुरू की गई।
ननकाना और अमृतसर की बीच बस सेवा 24 मार्च, 2006 को प्रारंभ हुई।
दिल्ली-लाहौर के मध्य सदा-ए-सरहद तथा श्रीनगर-मुजफ्फराबाद के मध्य कारवाँ-ए-अमन की बस प्रचालित हुई। लाहौर-अटारी के मध्य समझौता एक्सप्रेस का परिचालन हुआ।
अब पाकिस्तान व भारत दोनों देशों में वीजा आराम से लग जाता है।
दोनों देशों के नेताओं द्वारा समय-समय पर  अनेक सम्मेलनों में बातचीत होती रहती है।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
7. ऐसे दो मसलों के नाम बताए, जिन पर भारत-बांग्लादेश के बीच आपसी योगदान है और इसी तरह के दो ऐसे मसलों के नाम बताए, जिन पर असहमति हैं।

उत्तर- भारत और बांग्लादेश सहयोगी राष्ट्र रहे हैं, लेकिन कई मुद्दों पर दोनों के मध्य मतभेद पैदा हो जाता हैं। भारत ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में  मुख्य सहयोग दिया है। इसीलिए भी भारत सदैव बांग्लादेश की  सहायता करता रहा हैं। आपराधिक मामलों, विद्युत क्षेत्र, सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों में भारत ने बांग्लादेश को सहयोग दिया हैं।

भारत-बांग्लादेश सहयोग के मुद्दे निम्न हैं-

भारत-बांग्लादेश के बीच गंगाजल बँटवारें से संबंधित फरक्का समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, संगठित अपराध तथा मादक द्रव्यों की तस्करी को रोकने से संबंधित करार भी दोनों देशों ने किया हैं।
भारत-बांग्लादेश के बीच असहयोग के मुद्दे निम्न हैं-

भारत-बांग्लादेश के मध्य चकमा शरणार्थियों की समस्या अभी भी बनी हुई हैं।
भारत और बांग्लादेश के बीच खटास का एक मुद्दा पूर्वोत्तर के आतंकवादियों को बांग्लादेश में पनाह देना और उन्हें प्रशिक्षण देना है |
8. दक्षिण एशिया में द्विपक्षीय संबंधों को बाहरी शक्तियाँ कैसे प्रभावित करती हैं?

उत्तर- दक्षिण एशिया में शुरू से ही अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र-बिंदु रहा है। नेपाल को छोड़कर सारा  दक्षिण एशिया अंग्रेजों के प्रत्यक्ष नियंत्रण में रहा हैं। दक्षिण एशिया के देशों की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक समस्याएँ करीब एक जैसी हैं। कुछ लोग भारत कों दक्षिण एशिया की प्रधान शक्ति मानते हैं। ब्रिटेन, चीन और सोवियत संघ का इस क्षेत्र में पारस्परिक भू-सामाजिक हित रहा हैं। महाशक्तियों का निरंतर इस क्षेत्र में आपसी प्रतिस्पर्धा, और राजनीतिक मतभेदों को उलझाने में महत्वपूर्ण सहयोग रहा है।

सोवियत संघ के विघटन के पश्चात अमरीका दक्षिण एशिया में मुख्य भूमिका निभा रहा है। अमरीका ने हिंद महासागर में डियागो गार्रिया द्वीप पर अपना सैनिक अड़ा कायम करके इन देशों में अपना हस्तक्षेप बढ़ाया है। अमरीका के साथ ही दक्षिण एशिया में चीनी हित ज़्यादा सचेतन और महत्व रखते है। चीन की सीमाएँ भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बर्मा से मिलती हुई हैं। चीन भी पाकिस्तान से महत्वपूर्ण संबंध बनाए हुए हैं।

 आधुनिक समय  में हॉलैंण्ड, पुर्तगाल, ब्रिटेन, फ्रांस, डच राज्यों के उपनिवेश नहीं हैं बल्कि चीनी-अमरीकी शक्तियों का प्रभाव दक्षिणी एशियाई देशों में देखा जा सकता हैं। चीन की इस क्षेत्र में उपस्थिति शक्ति संतुलन की दिशा में महत्वपूर्ण है।

9. दक्षिण एशिया के देशों के बीच आर्थिक सहयोग की राह तैयार करने में दक्षेस (सार्क) की भूमिका और सीमाओं का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। दक्षिण एशिया की बेहतरी में दक्षेस (सार्क ) ज्यादा बड़ी भूमिका निभा सके, इसके लिए आप क्या सुझाव देंगे?

उत्तर- दक्षिण एशिया के देशों के मध्य आपसी सहयोग की दिशा में 1985 में सार्क (दक्षेस) की स्थापना की गई। इसे दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रिजनल को-ऑपरेशन-The South Asian Association for Regional Co-operation) कहा जाता है | भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान,मालद्वीप, नेपाल, भूटान, श्रीलंका,  और अफगानिस्तान इसके सदस्य देश हैं। दक्षिण एशिया के देश दक्षेस के द्वारा यहाँ की जनता का जीवन स्तर अच्छा करना चाहते हैं। सार्क इन देशों का सामाजिक, तकनीकी, आर्थिक, सांस्कृतिक, और वैज्ञानिक विकास, आपसी सहयोग और  मदद से प्राप्त करना चाहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आपसी सहयोग दिखाते हैं। दक्षेस के सदस्यों ने 2002 में दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) पर दस्तखत किए। इस समझौते का उद्देश्य इन देशों के बीच व्यापार में लगने वाले सीमा शुल्क कम करना है। दक्षेस के द्वारा ये देश अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं, इसे एक अंतर्राष्ट्रीय राजनैतिक मंच बना सकते हैं। इन सभी देशों को प्रत्येक क्षेत्र में सहयोग कों और ज़्यादा बढ़ाना चाहिए।


10. दक्षिण एशिया के देश एक-दूसरे पर अविश्वास करते हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर यह क्षेत्र एकजुट होकर अपना प्रभाव नहीं जमा पाता। इस कथन की पुष्टि में कोई भी दो उदाहरण दें और दक्षिण एशिया को मजबूत बनाने के लिए उपाय सुझाएँ।

उत्तर- भौगोलिक और आर्थिक दृष्टि से समन्वयकारी तत्व विद्यमान होने के बाद भी दक्षिण एशिया के देशों में  योगदान की इच्छा की अपेक्षा पारस्परिक अविश्वास की भावना ज़्यादा प्रबल हैं। भारत और पाकिस्तान इस प्रदेश के प्रधान प्रतिद्वन्द्री राष्ट्र हैं। दक्षिण एशियाई देशों के आपसी संबंध मधुर होते हुए भी विवादों से ग्रस्त रहे हैं। कश्मीर को लेकर भारत-पाक विवाद, तमिल प्रवासियों को लेकर भारत श्रीलंका विवाद, फरक्का विवाद को लेकर भारत-बांग्लादेश के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। अमरीका द्वारा पाकिस्तान को शस्त्रों की आपूर्ति ने दक्षिण एशिया के द्वार पर नए शीत युद्ध की दस्तक दी। दक्षिण एशिया के देशों के माध्यम से सार्क क्षेत्रीय संगठन की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रभावी भूमिका दर्शाने के लिए की गई थी। लेकिन वह उतनी प्रभावी भूमिका नहीं निभा पा रहा, क्योंकि इन देशों में एकता और विश्वास की कमी हैं। सबसे पहले इन्हें आपस में विश्वास कायम करना होगा। आपसी समस्याओं को भुलाकर एक राजनैतिक अंतर्राष्ट्रीय मंच के रूप में सार्क को अधिक शक्तिशाली बनाना होगा।

11. दक्षिण एशिया के देश भारत को एक बाहुबली समझते हैं जो इस क्षेत्र के छोटे देशों पर अपना दबदबा जमाना चाहता है और उनके अंदरूनी मामलों में दखल देता है। इन देशों की ऐसी सोच के लिए कौन-कौन सी बातें जिम्मेदार हैं?

उत्तर- दक्षिण एशिया के देशों में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान,और मालद्वीप शामिल हैं। मालद्वीप को छोड़कर अन्य सभी भारतीय उपमहाद्वीप का भाग हैं। सभी देशों की सीमाए भारत से मिलती हुई हैं। भूगोल तथा जनसंख्या की दृष्टि से देखा जाए तो भारत को शक्तिशाली देश कहा जा सकता है। इसीलिए दक्षिण एशिया के देश भारत को शक्तिशाली या बाहुबली समझते हैं। ये सारे  देश इतिहास, भूगोल, धर्म और संस्कृति के जरिए एक-दूसरे से जुड़े हैं।

इन देशों की ऐसी सोच के लिए निम्न बातें जिम्मेदार हैं

भारत के पास  परमाणु-शक्ति है।
भारत की अर्थव्यवस्था तीव्रता से आगे बढ़ रही है।
भारत की जनसंख्या आकार की दृष्टि से सभी देशों से आगे है।
भारत के पास प्राकृतिक संसाधन अन्य देशों से ज़्यादा है।
दक्षिण एशिया के सभी देशों की सीमाएँ भारत से मिलती हैं, उनके काफी हित भी भारत से मिलते हैं।
भारत को इन देशों से व्यापारिक योगदान मिलता है, और वीजा भी आसानी से लग जाता है।

सीबीएसई कक्षा -12 राजनीति विज्ञान
महत्वपूर्ण प्रश्न
पाठ-5
समकालीन दक्षिण एशिया

एक अंकीय प्रश्न:-

1. दक्षिण एशिया के दो देशों के नाम बताओ?

उत्तरभारत, पाकिस्तान

2. वर्ष 2005 में किस देश को सार्क का सदस्य बनाया गया?

उत्तरअफगानिस्तान

3. सार्क देशों का प्रथम सम्मेलन कहां हुआ?

उत्तरबांग्लादेश की राजधानी (ढाका में)

4. दक्षेस का मुख्यालय किस देश में है?

उत्तर(नेपाल) काठमांडू

5. सार्क सम्मेलन की स्थापना कब हुई?

उत्तरदिसम्बर 1985

6. किन दो देशों में सैनिक व लोकतांत्रिक दोनों तरह का शासन रहा है।

उत्तरपाकिस्तान व बांग्लादेश

7. शीतयुद्ध के बाद पाकिस्तान में किसके नेतृत्व में प्रथम लोकतांत्रिक सरकार बनी?

उत्तरबेनजीर भुट्टो

8. पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तान के विरुद्ध जन-संघर्ष किसने शुरू किया?

उत्तरशेख मुजीबुर्रहमान

9. दक्षिण एशिया के किस देश में संवैधानिक राजतंत्र था?

उत्तरनेपाल

10.श्री लंका बिट्रेन से कब स्वतंत्र हुआ।

उत्तर1948

11.श्री लंका की राजनीति में किस समुदाय का दबदबा है।

उत्तरसिंहली समुदाय

12.भारत-श्री लंका समझौता कब हुआ।

उत्तरश्री लंका

13.श्री लंका में कौन-सा उग्र तमिल संगठन कार्यरत है।

उत्तरलिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम

14.1960 में भारत व पाकिस्तान ने किस संधिपर हस्ताक्षर किये।

उत्तरसिंधु-जल-संधि।

15.मुक्त व्यापार संधिपर कब हस्ताक्षर हुए?

उत्तरफरवरी 2004 12वें दक्षेस सम्मेलन में।

दो अंकीय प्रश्न:-

1. पाकिस्तान में लोकतंत्र सफल न होने का क्या कारण है?

उत्तरयहां की सेना, धर्मगुरु और भू-स्वामी अभिजनों का सामाजिक दबदबा।

2. पाकिस्तान व बांग्लादेश में क्या समानता है?

उत्तरदोनों देशों में कभी लोकतंत्र तथा कभी सैनिक शासन रहा है।

3. पूर्वी पाकिस्तान के लोगों ने पश्चिमी पाकिस्तान का विरोध क्यों किया?

उत्तरपूर्वी पाकिस्तान पर उर्दू भाषा लादने तथा बंगाली भाषा तथा संस्कृति के साथ दुर्व्यहार।

4. ‘साफ्टा’ को लेकर दक्षिण एशिया के अन्य देशों की आशंका को दूर करने के लिए भारत ने क्या कदम उठाया?

उत्तर- भारत ने दक्षेस देशों को बिना सीमा-शुल्क अदा किये अपने यहां तैयार माल बेचने का खुला आमंत्रण।

- भारत ने भूटान, नेपाल और श्री लंका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता।

5. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद श्री लंका को किस समस्या का सामना करना पड़ा?

उत्तर- श्री लंका में जातिय संघर्ष-भारतीय मूल के तमिल आजादी से पहले व बाद में भी श्री लंका में बसते रहे हैं।

- श्री लंका में सिंहली समुदाय का दबदबा

- तमिलों के प्रति-उपेक्षापूर्ण व्यवहार

6. भारत-पाकिस्तान के बीच कौन से दो समझौते हुए?

उत्तर- ताशकंद समझौता।

- शिमला समझौता।

7. SAARC और SAFTA का पूर्ण रूप लिखो।

उत्तर- साउथ एशियन एसोशिएशन फॉर रिजनल को-ऑपरेशन।

- साउथ एशियन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट।

चार अंकीय प्रश्न:-

1. सार्क के सिद्धांतों के विषय में बताइये।

उत्तर- सदस्य राज्यों के आन्तरिक विषयों पर अहस्ताक्षेप।

- क्षेत्रीय सहयोग प्रभुसत्ता, समानता तथा प्रादेशिक अखण्डता के आधर पर होगी।

- सहयोग द्विपक्षीय व बहुपक्षीय न होकर अतिरिक्त सहयोग पर होगा?

- गरीबी, अशिक्षा तथा कुपोषण आदि समस्याओं के समाधन।

2. ऐसे दो मसलों के नाम बताएं जिन पर भारत-बांग्लादेश के बीच आपसी सहयोग है और इसी तरह दो ऐसे मसलों के नाम बताएं जिन पर असहमति है।

उत्तरसहमति

- ब्रह्मपुत्र व गंगा नदी के जल बटवारे के लिए फरक्का संधि

- आतंकवाद पर सहमति

असहमति

- चकमा शरणार्थी

- भारत की सरकार पर चटगांव पर्वतीय क्षेत्र में विद्रोह को हवा देना, बांग्लादेश के प्राकृतिक गैस में सेंधमारी

3. भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में क्या समझौते हुए?

उत्तर- पाकिस्तान आतंकवाद को पाकिस्तान में पनपनें नहीं देगा।

- 2004 में श्रीनगर मुज्जफ्रफराबाद के बीच बस सेवा की शुरुआत।

- भारत-पाक ने साहित्य, कला एवं संस्कृति तथा खिलाड़ियों को बीजा देने पर समझौता।

- आर्थिक तथा सांस्कृति क्षेत्रों में एक दूसरे की मदद।

4. दक्षिण एशिया में द्विपक्षीय संबंधों को बाहरी शक्तियां कैसे प्रभावित करती हैं।

उत्तर - दक्षिण एशिया विश्व के महत्वपूर्ण देशों को प्रभाव जमाने का प्रयास।

- भारत-पाक संबंधों पर अमेरिका का प्रभाव।

- चीन-पाकिस्तान साझेदारी तथा भारत-चीन संबंधों में रुकावट

- अमेरिका में दक्षिण एशियाई मूल के लोगों की संख्या, जनसंख्या बाजार इत्यादि।

5. शिमला-समझौते के विषय में बताइये?



उत्तर- 1971 में भारत-पाक युद्ध के बाद बांग्लादेश का निर्माण 3 जुलाई 1972 में दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच समझौता।

- दोनों देश 30 दिन के अन्दर अपनी सीमाएं अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर लाना।

- एक-दूसरे की सीमा का उल्लंघन न करना।

- परस्पर विरोधी प्रचार न करना।

- संबंधों को सुधारने का प्रयास।

- दोनों देश आर्थिक, व्यापारिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग करना।

6. ऊपर दिये कार्टून को ध्यान से देखिए तथा निम्न प्रश्न दो

(क) प्रथम समीकरण में राष्ट्रपति की भूमिका में से जनरल की भूमिका को घटा क्या दिखाया गया है?

(ख) द्वितीय में जनरल की भूमिका में से राष्ट्रपति की भूमिका को घटा कर क्या दिखाया है।

(ग) तीसरे में राष्ट्रपति व जनरल को जोड़ कर क्या दिखाया है।

(घ) उपर्युक्त कार्टून क्या संदेश देता है?

उत्तर(क) प्रथम समीकरण में राष्ट्रपति की भूमिका में से जनरल की भूमिका को घटाकर दिखाया गया है कि राष्ट्रपति की शक्तियां जीरो हैं।

(ख) जनरल की भूमिका में से राष्ट्रपति की भूमिका को घटाकर यह दर्शाया गया है कि जनरल की शक्तियों फिर भी कायम हैं और राष्ट्रपति की शक्तियां जीरो हैं।

(ग) तीसरे समीकरण यह बताया गया है कि जनरल चाहे तो शक्तियों में कर सकता है।

(घ) संदेश- पाकिस्तान में जनरल के रूप में परवेज मुशर्रफ की शक्तियां अधिक रही हैं क्योंकि वहां सेना का शासन है।

छः अंकीय प्रश्न:-

1. दक्षिण एशिया के देशों के बीच आर्थिक सहयोग की राह तैयार करने में दक्षेस (सार्क) की भूमिका और सीमाओं का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। दक्षिण एशिया की बेहतरी में ‘‘दक्षेस’’ (सार्क) ज्यादा बड़ी भूमिका निभा सके, इसके लिए आप क्या सुझाव देंगे।

उत्तर- दक्षेस (सार्क) की भूमिका- दक्षिण एशियाई देशों द्वारा बहुस्तरीय साधनों से आपस में सहयोग व संगठित समूह बनाना जिसकी शुरुआत 1985 में हुई।

- 1 जनवरी 2006 को साफ्टा को लागू करना।

- आर्थिक क्षेत्र में सार्क का महत्व- व्यापार को बढ़ावा एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था में सुधार।

सीमाएं

- भारत-पाक कटु संबंध

- साफ्टा को लेकर आशंका

- आंतरिक अशांति व अस्थिरता।

सुझाव

- भारत-पाक संबंधों में विश्वास होना।

- सार्क देशों में संधि मित्रता तथा समानता होना।

2. भारत-पाकिस्तान के मध्य हुए संघर्षों के प्रमुख घटकों के बारे में बताइये।

उत्तर- 1947-48 संघर्ष कश्मीर समस्या

- 1965, 1971 तथा 1990 का भारत-पाक युद्ध

- सियाचीन ग्लेशियर पर नियन्त्रण

- अमेरिका द्वारा पाक को वित्तीय व सैनिक सहायता जिसे भारत अपने लिए खतरा मानता है |

- सिंधु-जल-संधि

- कच्छ के रन में सरक्रिक की सीमाओं पर विवाद

- भारत का पोखरण में, पाकिस्तान का चगाई पहाड़ी में परमाणु परीक्षण।

3. भारत के दक्षिण एशियाई देशों के साथ किस प्रकार के संबंध रहे हैं?

उत्तर- भारत-पाक संबंधों में शुरुआत से कटुता व अविश्वास

- बांग्लादेश के साथ मधुर संबंध

- श्री लंका के साथ जातीय संघर्ष को लेकर तनाव

- भारत भूटान तथा मालदीव के साथ अच्छे संबंध

- नेपाल के साथ मधुर संबंध परन्तु वर्तमान समय में नेपाल की सरकार में माओवादी के आने से कटुता आई है।

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