CBSE Class 12 राजनीति विज्ञानपुनरावृति नोटसपाठ-3 समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व
स्मरणीय बिन्दु-
- शीतयुद्ध का अंत हो गया तथा अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरा, अमेरिकी प्रभुत्व या एक ध्रुवीय विश्व का युग आरंभ हुआ।
- नयी विश्व व्यवस्था की शुरूआत हुई, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इराक के विद्ध बल प्रयोग की अनुमति दिए जाने की अमेरिकी राष्ट्रपति जार्जबुश नेनई विश्व व्यवस्था की संज्ञा दी।
- दूसरों के व्यवहार को प्रभावित या नियंत्रित करने की क्षमता जिससे कि हम उनसे मनचाहा
- काम कर सकें - वर्चस्व (आधिपत्य) कहलाता है।
- इतिहास हमें बताता है कि विश्व में किसी भी देश का वर्चस्व स्थाई नहीं रह सकता।
- विश्व राजनीति में विभिन्न देश या दशों के समूह ताकत पाने और कायम रखने की लगातार कोशिश करते हैं। यह ताकत सैन्य प्रभुत्व, आर्थिक शक्ति, राजनीतिक रुतबे और सांस्कृतिक विकास के रूप में होती है।
- अमेरिकी वर्चस्व की शुरुआत सोवियत रूस के 1991 के विघटन के बाद हुई। लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरा था।
- अमेरिका द्वारा जापान के विद्ध परमाणु बम का प्रयोग।
- युद्ध के दौरान अमेरिका का निर्यात बढ़ा व विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया।
विश्व पर वर्चस्व का प्रभाव:- इराक ने कुवैत पर हमला किया संयुक्त राष्ट्रसंघ ने कुवैत को मुक्त कराने का फैसला लिया। UN ने इसे ‘आपरेश डेजर्ट स्टार्म’ सैनिक अभियान का नाम दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ की आड़ में यह अमेरिकी अभियान था इसकी सेना के प्रमुख जनरल नार्मन श्वार्जकांव थे। 34 देशों की सेना में 75 प्रतिशत सैनिक अमेरिका के थे। इराक की हार हुई इसके अतिरिक्त समुद्री मार्ग, स्वतंत्र व्यापार, उदारीकरण, सी.टी.बी.टी., विश्व बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, आर्थिक प्रतिबन्धों द्वारा प्रभाव डालना आदि।
- प्रथम खाड़ी युद्ध के द्वारा अमेरिका ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया इसे ‘कम्प्यूटर युद्ध’ की संज्ञा दी तथा ‘‘वीडियो गेम वार’’ भी कहा जाता है।
- 1992-2000 चुनावों में बिल क्लिंटन अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय मामलों में दिलचस्पी नहीं दिखाई। 1999 में युगोस्लाविया पर सैन्य कार्यवाही की गई जबकि वहां अल्बानियाई लोगों ने आन्दोलन किया इसको दबाने के लिए नाटो सेनाओं ने कोसोवो पर अपना कब्जा किया।
- 1998 में नैरोबी (केन्या) तथा दारे-सलाम (तंजानिया) के अमेरिकी दूतावासों पर बमबारी हुई इसका जिम्मेदार अलकायदा आतंकवादी इस्लामी संगठन को माना गया। इसके प्रतिशोध में अमेरिकन राष्ट्रपति ने ‘‘आपरेशन इनपफाइनाइट रीच’’ का आदेश दिया इसके अन्तर्गत सूडान और अफगानिस्तान में अलकायदा के ठिकानों पर क्रूज मिसाइलों से बमबारी की गई। इसकी जानकारी अमेरिका ने UN को भी नहीं दी।
- 11 सितम्बर 2001 आतंकवादी घटना के विद्ध ‘आपरेशन एन्डयूरिंग फ्रीडम’ चलाया। इस आपरेशन में अमेरिका ने सभी देशों को विश्व से आतंकवाद का सपफाया करने में योगदान करने को कहा। इसे 9/11 की घटना से जाना जाता है। यह घटना अमेरिका की शक्ति और उसके वर्चस्व को खुली चुनौती थी।
- इस आपरेशन में अमेरिका ने ‘अलकायदा’ और अफगानिस्तान के तालिबान को निशाना बनाया। 9/11 की घटना का प्रभुत्व अलकायदा के ओसामा बिन लादेन के द्वारा निर्देशित थी।
- 19 मार्च 2003 इराक पर आक्रमण UN की अनुमति के बिना आक्रमण किया। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों फ्रांस, रूस और चीन ने भी इसकी आलोचना की वास्तव में अमेरिका इराक में सद्दाम हुसैन के शासन को समाप्त करना, अपनी पसन्द की सरकार स्थापित करना तथा इराक के तेल भंडार पर नियंत्रण करना था। इसे ‘आपरेशन इराकी फ्रीडम’ कहा गया। सद्दाम हुसैन को बन्दी बनाया, उस पर मुकदमा चला, दिसम्बर 2006 में उसे फांसी दे दी गई।
- अमेरिका एक मात्रा महाशक्ति के रूप में है उसने राजनीति को अपनी इच्छानुसार चलाने के प्रयास किये, अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं, संगठनों तथा समझौतों की परवाह नहीं की अपनी बात मनवाने के प्रयास किये? परन्तु यह दादागिरी कहीं भी गांव, नगर, प्रांत, राष्ट्र तथा विश्व में अधिक दिन नहीं चलती उसे चुनौती मिलती है।
वर्चस्व से बचने के उपाय-
- बैंडवेगन नीति- इसका अर्थ है वर्चस्वजनित अवसरों का लाभ उठाते हुए विकास करना।
- अपने को छिपा लेने की नीति ताकि वर्चस्व वाले देशों की नजर न पड़े।
- राज्यत्तेर संस्थाएँ जैसे स्वयंसेवी संगठन, कलाकार और बुद्धिजीवी मिलकर अमेरिका वर्चस्व का प्रतिकार करें।
अमेरिकी शक्ति के रास्ते में अवरोध:-
- अमेरिका की संस्थागत बनावट है। यहां शासन के तीन अंगों के बीच शक्ति का बंटवारा है। कार्यपालिका द्वारा सैन्य शक्ति पर अंकुश लगाने का काम करती है।
- अमेरिकी समाज जो अपनी प्रकृति में उन्मुक्त है। अमेरिका के विदेशी सैन्य-अभियानों पर अंकुश रखने में बड़ी भूमिका निभाती है।
- नाटो (उत्तरी अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन) इन देशों में बाजारमूलक अर्थव्यवस्था चलती है। नाटो में शामिल देश अमेरिका के वर्चस्व पर अंकुश लगा सकते हैं।
भारत-अमेरिका संबंध- सोवियत संघ के पतन के बाद भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण करने तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने का फैसला किया। इस नीति द्वारा आर्थिक वृद्धिदर के कारण भारत अमेरिका समेत कई देशों के लिए आर्थिक सहयोगी बन गया है। भारत-अमेरिकी संबंधों के बीच दो नई बातें उभरी इन बातों का संबंध् प्रौद्योगिकी और अमेरिका में बसे अनिवासी भारतीयों से है।
- सोवियत संघ का विघटन 1991 में हो गया। सोवियत संघ के विघटन के साथ ही द्वि-ध्रुवीय से विश्व व्यवस्था एक-ध्रुवीय में बदल गई।
- विश्व में अमेरिका के वर्चस्व की शुरुआत 1991 में हुई थी।
- अगस्त 1990 में इराक ने कुवैत पर हमला कर दिया। पहली बार संयुक्त राष्ट्रसंघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए बल प्रयोग की अनुमति दे दी। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इसे 'नई विश्व व्यवस्था' की संज्ञा दी।
- 1992 में अमेरिका में राष्ट्रपति जॉर्ज बुश डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदार विलियम जेफसन बिल क्लिंटन से राष्ट्रपित-पद का चुनाव हार गए।
- बिल क्लिंटन ने विदेश-नीति की जगह घरेलू-नीति पर अधिक जोर दिया।
- 11 सितंबर, 2001 के दिन अमेरिका वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर आतंकवादी हमले ने अमेरिका की सुरक्षा की पोल खोल दी।
- ऑपरेशन इराकी फ्रीडम को सैन्य और राजनीतिक धरातल पर असफल माना गया क्योंकि इसमें 3000 अमेरिकी सैनिक, बड़ी संख्या में इराकी सैनिक और लगभग 50000 निर्दोष नागरिक मारे गए।
- अमेरिकी की ढाँचागत ताकत जिसमें समुद्री व्यापार मार्ग (SLOC's) इंटरनेट आदि शामिल है इसके अलावा MBA की डिग्री और अमेरिकी मुद्रा डॉलर का प्रभाव इसके आर्थिक वर्चस्व को बढ़ा देते है।
- अमेरिकी जमीन पर 9/11 के इस हमले को अब तक का सबसे गंभीर हमला माना जाता है।
- 19 मार्च, 2003 को 'ऑपरेशन इराकी फ्रीडम' के नाम पर अमेरिका ने इराक पर सैन्य हमला किया।
- अमेरिकी वर्चस्व सैन्य प्रभुत्व, आर्थिक शक्ति, राजनीतिक रुतबे और सांस्कृतिक बढ़त के रूप में शीतयुद्ध के अंत के बाद विश्व में देखा जा सकता है।
- अमेरिका सैन्य प्रौद्योगिकी में इतना आगे है कि विश्व का कोई भी देश इस मामले में उसकी बराबरी नहीं कर सकता।
- जितना पैसा अमेरिका से नीचे के कुल 12 ताकतवर देश अपनी सैन्य क्षमता में खर्च करते हैं, उतना अमेरिका अकेला करता है |
- पेंटागन अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा रक्षा अनुसंधान और विकास तथा प्रौद्योगिकी पर खर्च करता हैं।
- द्वितीय विश्व से पहले ब्रिटिश नौ-सेना ने संपूर्ण विश्व पर कब्ज़ा कर रखा था और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ऐसा कोई स्थान नहीं, महासागर नहीं, जहाँ अमेरिकी नौ-सेना न हो।
- अंतरिक्ष में अधिकांश उपग्रह अमेरिका के हैं। इंटरनेट अमेरिकी सैन्य अनुसंधान परियोजना का परिणाम है।
- ब्रेटनवुड प्रणाली अमेरिका द्वारा कायम की गई जो विश्व की अर्थव्यवस्था की बुनियादी संरचना है। विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व व्यापार संगठन अमेरिकी वर्चस्व का परिणाम हैं।
- नीली जींस, मैक्डोनाल्ड आदि अमेरिका के सांस्कृतिक वर्चस्व के उदाहरण है जिसमें विचारधारा, खानपान, रहन-सहन, रीतिरिवाज और भाषा के धरातल पर अमेरिका का वर्चस्व कायम हो रहा है। इसके अंतर्गत जोर जबरदस्ती से नहीं बल्कि रजामंदी से बात मनवायी जाती है।
- अमेरिका में विश्व का पहला बिजनेस स्कूल 1881 में खुला था। अन्य देशों में इसकी शुरुआत 1950 में हुई थी।
- एम०बी०ए० का पाठ्यक्रम 1900 से आरंभ हुआ। आज विश्व में अमेरिका का दबदबा सैन्य शक्ति या आर्थिक बढ़त के बूते पर ही नहीं, बल्कि अमेरिका की सांस्कृतिक मौजूदगी भी इसका कारण है।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में केवल नाटो ऐसा संगठन है, जो अमेरिका की ताकत पर लगाम कस सकता है।
- शीतयुद्ध काल में भारत सोवियत संघ के अधिक करीब था।
- सोवियत संघ के विघटन के बाद और विश्व-राजनीति में अमेरिकी वर्चस्व के कारण भारत को अमेरिका से अपने संबंध अच्छे बनाने ही होंगे।
- भारत, चीन और रूस मिलकर अमेरिकी वर्चस्व को चुनौती दे सकते हैं परन्तु इन देशों के बीच आपसी मतभेद हैं।
- अमेरिकी वर्चस्व को चुनौती स्वयंसेवी संगठन, सामाजिक आंदोलन और जनमत के आपसी मेल से ही मिलेगी। मीडिया, बुद्धिजीवी कलाकार और लेखक अमेरिकी वर्चस्व के प्रतिरोध में आगे आकर एक विश्वव्यापी नेटवर्क बना सकते हैं।
CBSE Class 12 राजनीति विज्ञानएनसीईआरटी प्रश्न-उत्तरपाठ-3समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व
1. वर्चस्व के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) इसका अर्थ किसी एक देश की अगुवाई या प्राबल्य है।
(ख) इस शब्द का इस्तेमाल प्राचीन यूनान में एथेंस की प्रधानता को चिह्नित करने के लिए किया जाता था।
(ग) वर्चस्वशील देश की सैन्यशक्ति अजेय होती हैं।
(घ) वर्चस्व की स्थिति नियत होती हैं। जिसने एक बार वर्चस्व कायम कर लिया, उसने हमेशा के लिए वर्चस्व कायम कर लिया।
(क) इसका अर्थ किसी एक देश की अगुवाई या प्राबल्य है।
(ख) इस शब्द का इस्तेमाल प्राचीन यूनान में एथेंस की प्रधानता को चिह्नित करने के लिए किया जाता था।
(ग) वर्चस्वशील देश की सैन्यशक्ति अजेय होती हैं।
(घ) वर्चस्व की स्थिति नियत होती हैं। जिसने एक बार वर्चस्व कायम कर लिया, उसने हमेशा के लिए वर्चस्व कायम कर लिया।
उत्तर- (घ) वर्चस्व की स्थिति नियत होती हैं। जिसने एक बार वर्चस्व कायम कर लिया, उसने हमेशा के लिए वर्चस्व कायम कर लिया।
2. समकालीन विश्व-व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) ऐसी कोई विश्व-सरकार मौजूद नहीं जो देशों के व्यवहार पर अंकुश रख सके।
(ख) अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अमरीका की चलती है।
(ग) विभिन्न देश एक-दूसरे पर बल प्रयोग कर रहे हैं।
(घ) जो देश अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें संयुक्त राष्ट्रसंघ कठोर दंड देता हैं।
(क) ऐसी कोई विश्व-सरकार मौजूद नहीं जो देशों के व्यवहार पर अंकुश रख सके।
(ख) अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अमरीका की चलती है।
(ग) विभिन्न देश एक-दूसरे पर बल प्रयोग कर रहे हैं।
(घ) जो देश अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें संयुक्त राष्ट्रसंघ कठोर दंड देता हैं।
उत्तर- (क) ऐसी कोई विश्व-सरकार मौजूद नहीं जो देशों के व्यवहार पर अंकुश रख सके।
3. 'ऑपरेशन इराकी फ्रीडम' (इराकी मुक्ति अभियान ) के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) इराक पर हमला करने के इच्छुक अमरीकी अगुवाई वाले गठबंधन में 40 से ज्यादा देश शामिल हुए।
(ख) इराक पर हमले का कारण बताते हुए कहा गया कि यह हमला इराक को सामूहिक संहार के हथियार बनाने से रोकने के लिए किया जा रहा है।
(ग) इस कार्रवाही से पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की अनुमति ले ली गई थी।
(घ) अमरीकी नेतृत्व वाले गठबंधन को इराकी सेना से तगड़ी चुनौती नहीं मिली।
(क) इराक पर हमला करने के इच्छुक अमरीकी अगुवाई वाले गठबंधन में 40 से ज्यादा देश शामिल हुए।
(ख) इराक पर हमले का कारण बताते हुए कहा गया कि यह हमला इराक को सामूहिक संहार के हथियार बनाने से रोकने के लिए किया जा रहा है।
(ग) इस कार्रवाही से पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की अनुमति ले ली गई थी।
(घ) अमरीकी नेतृत्व वाले गठबंधन को इराकी सेना से तगड़ी चुनौती नहीं मिली।
उत्तर- (ग) इस कार्रवाही से पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की अनुमति ले ली गई थी।
4. इस अध्याय में वर्चस्व के तीन अर्थ बताए गए हैं। प्रत्येक का एक-एक उदाहरण बताएँ। ये उदाहरण इस अध्याय में बताए गए उदाहरणों से अलग होने चाहिए।
उत्तर- वर्चस्व के तीन अर्थ निम्न हैं
सैन्य शक्ति के अर्थ में,
ढाँचागत ताकत के अर्थ में,
सांस्कृतिक वर्चस्व के अर्थ में,
1. सैन्य शक्ति के अर्थ में- 20 मार्च, 2003 को इराकी फ्रीडम मिशन के पश्चात 20 जून, 2003 को अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगला निशान वह हो सकता है। ईरान भी परमाणु क्षमता वाला देश बनना चाहता था। लेकिन अमरीका ने कहा कि ईरानी नेता अहमदी निजाद के खिलाफ वैसा ही दुष्प्रचार किया जा रहा है, जैसा सद्दाम हुसैन के खिलाफ किया गया था।
ढाँचागत ताकत के अर्थ में,
सांस्कृतिक वर्चस्व के अर्थ में,
1. सैन्य शक्ति के अर्थ में- 20 मार्च, 2003 को इराकी फ्रीडम मिशन के पश्चात 20 जून, 2003 को अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगला निशान वह हो सकता है। ईरान भी परमाणु क्षमता वाला देश बनना चाहता था। लेकिन अमरीका ने कहा कि ईरानी नेता अहमदी निजाद के खिलाफ वैसा ही दुष्प्रचार किया जा रहा है, जैसा सद्दाम हुसैन के खिलाफ किया गया था।
2. ढाँचागत ताकत के अर्थ में- अफगानिस्तान को बचाने तथा पाकिस्तान को उभारने के लिए वाशिंगटन ने नई नीति की घोषणा कि | अफगानिस्तान इस्लामाबाद को पाँच साल तक सहायता देगा, जो चालू सहायता का तीन गुना है | अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि यह अमरीका के भविष्य की सुरक्षा के लिए है अर्थात् तालिबान और उग्रवादियों के लिए पाकिस्तान सिर्फ स्वर्ग हैं। विश्व बैंक ने भी बिना ब्याज के पाकिस्तान को 500 मिलियन डालर का कर दिया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी पाकिस्तान को 7.5 अरब डॉलर का कर्ज दिया।
3. सांस्कृतिक शक्ति के अर्थ में- अमरीका द्वारा अपनाई गई उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीति सांस्कृतिक शक्ति का एक रूप भी है, जिससे सभी देशों के साथ भारत के अच्छे सांस्कृतिक संबंध बनें। सभी स्थानों पर अमरीकी अंग्रेजी फिल्मों की धूम रहती है।
5. उन तीन बातों का जिक्र करें, जिनसे साबित होता है कि शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद अमरीकी प्रभुत्व का स्वभाव बदला है और शीतयुद्ध के वर्षों के अमरीकी प्रभुत्व की तुलना में यह अलग है।
उत्तर-ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच के समय अमरीका ने अफगानिस्तान व सूडान के अल-कायदा ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया। अमरीका ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ से अनुमति भी नहीं ली और न ही अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की परवाह की। इसी से अमरीका का विश्व पर प्रभुत्व पता लगाया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की सभी संस्थाओं पर अमरीकी वर्चस्व कायम हैं, विशेषकर विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्व व्यापार संगठन पर।
9/11 के हमले के जवाब में अमरीकी सेना ने पूरे विश्व में गिरफ्तारियाँ कीं और गिरफ्तार लोगों के बारे में उनकी सरकार को भी सुचना नहीं दी। उन्हें गुप्त ठिकानों पर बंदी बनाया गया। इन कैदियों को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी। संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रतिनिधियों को भी इन बदियों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की सभी संस्थाओं पर अमरीकी वर्चस्व कायम हैं, विशेषकर विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्व व्यापार संगठन पर।
9/11 के हमले के जवाब में अमरीकी सेना ने पूरे विश्व में गिरफ्तारियाँ कीं और गिरफ्तार लोगों के बारे में उनकी सरकार को भी सुचना नहीं दी। उन्हें गुप्त ठिकानों पर बंदी बनाया गया। इन कैदियों को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी। संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रतिनिधियों को भी इन बदियों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई।
6. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ
(1) ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच (क) तालिबान और अल-कायदा के खिलाफ जंग
(2) ऑपरेशन इंड्यूरिंग फ्रीडम (ख) इराक पर हमले के इच्छुक देशों का गठबंधन
(3) अॉपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म (ग) सूडान पर मिसाइल से हमला
(4) अॉपरेशन इराकी फ्रीडम (घ) प्रथम खाडी युद्ध
उत्तर-
(2) ऑपरेशन इंड्यूरिंग फ्रीडम (ख) इराक पर हमले के इच्छुक देशों का गठबंधन
(3) अॉपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म (ग) सूडान पर मिसाइल से हमला
(4) अॉपरेशन इराकी फ्रीडम (घ) प्रथम खाडी युद्ध
उत्तर-
1) ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच (ग) सूडान पर मिसाइल से हमला
(2) ऑपरेशन इंड्यूरिंग फ्रीडम (क) तालिबान और अल-कायदा के खिलाफ जग
(3) अॉपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म (घ) प्रथम खाडी युद्ध
(4) अॉपरेशन इराकी फ्रीडम (ख) इराक पर हमले के इच्छुक देशों का गठबंधन
(2) ऑपरेशन इंड्यूरिंग फ्रीडम (क) तालिबान और अल-कायदा के खिलाफ जग
(3) अॉपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म (घ) प्रथम खाडी युद्ध
(4) अॉपरेशन इराकी फ्रीडम (ख) इराक पर हमले के इच्छुक देशों का गठबंधन
7. अमरीकी वर्चस्व की राह में कौन-से व्यवधान हैं? आपके जानते इनमें से कौन-सा व्यवधान आगामी दिनों में सबसे महत्वपूर्ण साबित होगा?
उत्तर- सोवियत संघ के विघटन के पश्चात विश्व में सर्वत्र अमरीकी वर्चस्व बना हैं। लेकिन इतिहास हमें बताता है कि साम्राज्यों का पतन उनकी अंदरूनी कमजोरियों की वजह से हुआ है | ठीक इसी तरह अमरीकी वर्चस्व की सबसे ज़्यादा रुकावट खुद उसके वर्चस्व में ही मौजूद है |
अमरीकी वर्चस्व की राह में निम्न व्यवधान हैं-
- पहला व्यवधान स्वयं अमरीका की संस्थागत बनावट है। यहाँ शासन के तीनों अंगों के मध्य शक्तियों का विभाजन किया गया है। यही बनावट कार्यपालिका द्वारा सैन्य शक्ति के बेलगाम इस्तेमाल पर अंकुश लगाने का काम करती है।
- दूसरा व्यवधान भी अंदरूनी है। अमरीकी समाज की प्रकृति उन्मुक्त है। अमरीका के जन-संचार के साधन समय-समय पर वहाँ के जनमत को एक खास दिशा में मोड़ने का प्रयत्न करते हैं, लेकिन अमरीकी राजनीतिक-संस्कृति में शासन के औचित्य और तरीके को लेकर गहरे संदेह का भाव भरा है। अमरीका के विदेशी सैन्य अभियानों पर रोक लगाने में यह बात बहुत मुख्य भूमिका निभाती है।
- तीसरा व्यवधान सबसे मुख्य है। अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में सिर्फ एक नाटो संगठन है जो संभवतया अमरीकी ताकत पर लगाम कस सकता है। नाटो से अन्य लोकतांत्रिक देश भी जुड़े हैं, क्योंकि अमरीका का बहुत बड़ा हित इस संगठन को कायम रखने में जुड़ा है, क्योंकि इन देशों में बाजारमूलक अर्थव्यवस्था चलती है। आने वाले समय में अमरीका के साथी देश उसके वर्चस्व पर कुछ अंकुश लगा सकते हैं।
- आगामी वर्षों में नाटो ज़्यादा शक्तिशाली संगठन होकर अमरीकी वर्चस्व को कम कर सकता हैं या उसकी शक्तियों पर अंकुश लगा सकता है।
8. भारत-अमरीकी समझौते से संबंधित बहस के तीन अंग इस अध्याय में दिए गए हैं। इन्हें पढ़ें और किसी एक अंग को आधार मानकर पूरा भाषण तैयार करें, जिसमें भारत-अमरीकी संबंध के बारे में किसी एक रुख का समर्थन किया गया हो।
उत्तर- शीतयुद्ध के दौरान भारत के अमरीका की अपेक्षा सोवियत संघ से मधुर संबंध रहे हैं, क्योंकि अमरीका लगातार भारत के खिलाफ पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई करता रहा है। लेकिन सोवियत संघ के विघटन के पश्चात विश्व एक-ध्रुवीय बन गया है। ऐसी स्थिति में भारत के साथ अमरीकी संबंधों में सुधार आया हैं। भारत ने स्वयं की अव्यवस्था के उदारीकरण तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था से खुद को जोड़ने का फैसला किया है।
भारत-अमरीका के साथ किस प्रकार के संबंध चाहता हैं? इस पर भारत में तीन संभावित रणनीतियों पर बहस चल रहीं हैं। वे रणनीतियाँ निम्न हैं-
भारत-अमरीका के साथ किस प्रकार के संबंध चाहता हैं? इस पर भारत में तीन संभावित रणनीतियों पर बहस चल रहीं हैं। वे रणनीतियाँ निम्न हैं-
- भारत के जो विद्वान अंतर्राष्ट्रीय राजनीति को सैन्य शक्ति के संदर्भ में देखते-समझते हैं, वे भारत और अमरीका की बढ़ती हुई नजदीकी से डरते हैं। ऐसे विद्वान यही चाहेंगे कि भारत वॉशिंगटन से अपना अलगाव बनाए रखे और अपना ध्यान अपनी राष्ट्रीय शक्ति के विस्तार पर लगाए।
- कुछ विद्वान मानते हैं कि भारत और अमरीका के हितों में हेलमेल निरन्तर बढ़ रहा है और यह भारत के लिए ऐतिहासिक अवसर है | ये विद्वान एक ऐसी रणनीति अपनाने की प्रसंशा करते हैं, जिससे भारत अमरीकी वर्चस्व का फयदा उठाए। वे चाहते हैं कि दोनों के आपसी हितों का मेल हो और भारत अपने लिए सबसे बढ़िया विकल्प ढूँढ़ सके। इन विद्वानों की राय है कि अमरीका के विरोध की रणनीति बेकार साबित होगी और आगे चलकर इससे भारत को नुकसान होगा |
- कुछ विद्वानों की राय है कि भारत अपनी अगुवाई में विकासशील देशों का गठबंधन बनाए। कुछ वर्षो में यह गठबंधन अधिक ताकतवर हो जाएगा और अमरीकी वर्चस्व के प्रतिकार में सक्षम हो जाएगा।
- वर्तमान समय में अमरीका और भारत के संबंधों में काफी सुधार आया है। वर्ष 2000 में 22 वर्षों पश्चात किसी अमरीकी राष्ट्रपति ने भारत की यात्रा की थी। यह यात्रा भारत-अमरीकी संबंधों में नया मोड़ थी। इस यात्रा के दौरान पत्र 2000 नामक दस्तावेज तथा आठ सूत्री कार्यक्रम की घोषणा की गई। प्रधानमंत्री वाजपेयी की सितंबर 2000 की यात्रा में ऊर्जा, ई-कॉमर्स व पैंकिग क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए 6 अरब डॉलर के पाँच व्यावसायिक समझौतों पर हस्ताक्षर संपन्न हुए। 18 अक्तूबर, 2008 को राष्ट्रपति बुश ने अमरीकी कांग्रेस के माध्यम से अनुमोदित भारत-अमरीका असैनिक, नाभिकीय करार पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया। अत: हम कह सकते हैं कि कुछ क्षेत्रों में भारत को भी अमरीकी सहायता की जरूरत है, जैसे संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन। इसलिए भी भारत अमरीका से मधुर संबंध बनाए हुए है।
सीबीएसई कक्षा -12 राजनीति विज्ञानमहत्वपूर्ण प्रश्नपाठ-3समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व
एक अंकीय प्रश्न
1. प्रथम खाड़ी युद्ध को किस ऑपरेशन के नाम से जाना जाता है?
उत्तर: “ऑपरेशन डेजर्ट स्टार्म”।
2. अमरीका का आर्थिक वर्चस्वता को चुनौती कौन से देश दे रहे हैं?
उत्तर:भारत, चीन और जापान।
3. समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व की शुरुआत कब हुई?
उत्तर: सोवियत संघ के विघटन के बाद।
4. ‘प्रथम खाड़ी युद्ध’ किन देशों के बीच लड़ा गया था?
उत्तर: इराक और लगभग उप देशों की एक संगठित फौज के बीच लड़ा गया था।
5. कौन-सा युद्ध वीडियो गेमवार बन गया था?
उत्तर: प्रथम खाड़ी युद्ध
6. राष्ट्रपति क्लिंटन के समय कौन-सा ऑपरेशन हुआ था?
उत्तर: ‘ऑपरेशन इनपफाइनाइट रीच’’।
7. आतंकवाद के खिलाफ ‘विश्वव्यापी युद्ध’ के अंग के रूप में अमेरिका ने कौन सा ऑपरेशन चलाया?
उत्तर: ‘ऑपरेशन एन्डयूरिंग फ्रीडम’।
8. ‘हेगेमनी’ शब्द का अर्थ बताइये?
उत्तर: ‘हेगेमनी’ शब्द से किसी एक राज्य के नेतृत्व या प्रभुत्व की जानकारी मिलती है।
9. इंटरनेट किस परियोजना का परिणाम है?
उत्तर: इंटरनेट अमेरिकी सैन्य अनुसंधान परियोजना का परिणाम है।
10. बैंड-वेगन नीति क्या है?
उत्तर:
11. अमेरीकी वर्चस्व से बचने का तरीका कौन-सा है?
उत्तर: अमेरिका के वर्चस्व के विरोध् में जाने के बजाय उसके तंत्रा में रहते हुए अवसरों का पफायदा उठाना है।
12. 9/11, 2001 में अमरीकी हमलों के लिए किस आतंकवादी को जिम्मेदार माना गया।
उत्तर: अलकायदा व तालिबान आतंकवादी संगठन।
13. इंटरनेट के जरिए वर्ल्ड वाइड वेव का हिन्दी अर्थ बताइये?
उत्तर: जगत-जोड़ता-जाल।
दो अंकीय प्रश्न
1. वर्चस्व का अर्थ समझाइए?
उत्तर: स्मरणीय बिन्दु देखें।
2. बिल क्लिटंन के समय (1992-2000) में अमरीका की विदेश नीति के विषय में बताइये?
उत्तर: लोकतंत्रा को बढ़ावा, जलवायु परिवर्तन तथा विश्व-व्यापार जैसे ‘नरम मुद्दों’ पर ध्यान दिया गया?
3. भारत तथा अमरीका के बीच मित्रता को दर्शाने वाले किन्हीं दो तथ्यों को उजागर कीजिए?
उत्तर: सोफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत के कुल निर्यात का 65 प्रतिशत अमरीका को जाता है।
- उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रा की 15 प्रतिशत कंपनियों का प्रारंभ अमरीका में बसे भारतीयों ने किया है?
4. एमबीए क्या है? यह सबसे पहले कब और कहां प्रारंभ हुआ?
उत्तर: मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की अकादमी डिग्री है।
5. अमरीकी वर्चस्व को नाटो कैसे सीमित करता है?
उत्तर: उत्तर स्मरणीय बिन्दु देखें |
6. 11 सितम्बर 2001 में अमेरिका में क्या घटना घटी?
उत्तर: 11 सितम्बर 2001 को अरब देशों द्वारा 19 अपरणकर्ताओं में चार अमरीकी व्यवसायिक विमानों पर अधिकार कर लिया दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तर व दक्षिणी टावर से टकराए तीसरा पेंटागन (USA का रक्षा विभाग मुख्यालय) से टकराया चौथा विमान पेन्सिलवेनिया के खेत में गिरा।
7. समाज की उन्मुक्त-प्रकृति अमरीकी विदेशी सैनिक कार्यवाहियों पर अंकुश लगाती है?
उत्तर: अमरीकी समाज जो अपनी प्रकृति में उन्मुक्त है। अमरीका के विदेशी सैन्य-अभियानों पर अंकुश लगाती है। जैसे वियतनाम संघर्ष को अमरीकी जनमत के प्रभाव के कारण ही समाप्त करना पड़ा था।
8. इंटरनेट प्रणाली पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए?
उत्तर: इंटरनेट 1950 में शुरू हुआ था। अमेरिकी सैन्य अनुसंधान परियोजना का परिणाम है। यह उपग्रहों के वैश्विक तंत्र पर निर्भर है। इसमें अधिकांश उपग्रह अमरीका के है। यह वैश्विक सार्वजनिक वस्तु का उदाहरण है?
चार अंकीय प्रश्न:-
1. किन्हीं चार वास्तविक घटनाओं का उल्लेख कीजिए जिनसे विश्व राजनीति में शीतयुद्ध के उपरान्त बदलाव आये।
उत्तर: - प्रथम खाड़ी युद्ध।
- कोसोवों में सैनिक कार्रवाई।
- 9/11 की घटना और आतंकवाद के विद्ध विश्वव्यापी युद्ध।
- इराक पर आक्रमण।
2. अमरीका द्वारा 2003 में इराक पर आक्रमण के दो कारण व दो परिणामों का आलोचनात्मक वर्णन कीजिए।
उत्तर: कारण -
- सामूहिक संहार के हथियार बनाने से रोकना।
- इराक के तेल भंडार पर नियन्त्राण और इराक में USA की मनपसन्द सरकार की स्थापना।
परिणाम-
- सद्दाम हुसैन की सरकार का पतन।
- इराक में अमरीका के विद्ध विद्रोह का आरंभ।
3. समुद्री व्यापार मार्ग (सीलेन आवे कम्यूनिकेशन्स – SLOCS) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: - समुद्री व्यापार मार्ग का प्रयोग व्यापारिक जहाजों द्वारा किया जाता है।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में इन मार्गों में खुलापन होना आवश्यक है।
- वर्चस्व वाला देश अपनी नौसेना की शक्ति के बल पर इन मार्गों की आजादी पर नियम निश्चित करता है।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश नौसेना शक्ति कम होने से यह भूमिका अमेरिका निभाता है |
- अमेरिकी नौसेना की उपस्थिति विश्व के सभी महासागरों में है।
4. विश्व की अर्थव्यवस्था में अमरीका का क्या स्थान है। इसका उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर: - विश्व की अर्थव्यवस्था में अमरीका की भागीदारी 28% है।
- हर क्षेत्र में अमरीका की कोई न कोई कम्पनी अग्रणी तीन कम्पनियों में से है।
- अमरीका की वैश्विक अर्थव्यवस्था में उपर्युक्त स्थिति बैंडवैगन प्रणाली है। (जैसी बहे व्यार पीठ तैसी कीजै), इसकी स्थापना अमरीका द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गई थी।
- इसमें विश्व बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व व्यापार संगठन है।
5. आप किस प्रकार से अमेरिका की शक्ति का आकलन एक प्रमुख शक्ति के रूप में करेंगे?
उत्तर: साम्यवाद के प्रसार को रोकना- अमेरिका ने खुलकर साम्यवादी देशों की विदेश नीति पर प्रहार किया।
- अमेरिकी विदेश नीति का दूसरा उद्देश्य सैनिक हितों से संबंधित था। नाटो, सिएटो, सेंटो द्वारा अपने साथ मिलाना।
- लोकतंत्र का समर्थन किया साम्यवाद तथा उपनिवेशवाद का विरोध।
- ऋण व आर्थिक सहायता अपनी शर्तों पर देता था ताकि वे उसके साथ रहें।
6. ऊपर दिये बए कार्टून को ध्यान से देखिए तथा निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
क)फौजी की वर्दी अमेरिका के किस वर्चस्व को दर्शाती है?
ख)दुनिया का नक्शा से कार्टूनिस्ट अमेरिका की किस संस्था की अवहेलना कर रहा है?
उत्तर: क)फौजी की वर्दी अमेरिका की सैनिक शक्ति को दर्शाती है।
ख)अमेरिका ने इराक पर हमला किया उसमें संयुक्त राष्ट्र संघ की अवहेलना तथा अनदेखा किया।
छः अंकीय प्रश्न:-
1. सैन्य शक्ति के रूप में अमेरिका के वर्चस्व की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: - अमरीका की सैन्य शक्ति सक्षम है। यह अपनी सेना को युद्ध भूमि से अधिकतम दूरी पर सुरक्षित रखकर दुश्मन को उसके घर में ही मार गिरा सकता है।
- अमेरिका की सैन्य शक्ति के बराबर विश्व में कोई देश नहीं है।
- पेंटागन अपने बजट का बड़ा भाग रक्षा अनुसंधान और विकास पर खर्च करता है।
- अमेरिका सेना की कमान अमेरिका तक नहीं पूरे विश्व में सम्मिलित है। इसकी 5 कमाने हैं|
- अमरीका की विजय क्षमता विकट है। इसी प्रकार अपद्ध करने और दण्ड देने की भी उसकी क्षमता स्वतः सिद्ध होती है।
- अपने अधिकृत भू-भाग में कानून व्यवस्था स्थापित नहीं कर सका।
2. संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भारत के बदलते संबंधों का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर: शीतयुद्ध के दौरान भारत और अमरीका के संबंध् मधुर नहीं थे। लेकिन हाल ही में संबंधों में सुधर हुआ है।
- भारत में सोफ्टवेयर के कुल निर्यात का 65% अकेला अमरीका प्रयोग करता है।
- बोइंग का 35 प्रतिशत तकनीकी स्टाफ अनुमानतः भारतीय मूल का है।
- अमरीका की सिलिकॉन वैली में लगभग 3 लाख भारतीय हैं।
- उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रा की 15 प्रतिशत कंपनियों की शुरूआत अमरीकी-भारतीयों ने की है।
3. 11 सितम्बर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आक्रमण के उपरांत आतंवाद के खिलाफ विश्वस्तरीय युद्ध में संयुक्त राज्य अमरीका की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर: 9/11 के प्रत्युत्तर में अमरीका का रुख तेज और आक्रमक था। आतंकवाद के विद्ध युद्ध के भाग के रूप में अमरीका ने ‘ऑपरेशन एन्डयूरिंग फ्रीडम’ प्रारंभ किया। यह ऑपरेशन सभी संदिग्ध संगठनों मुख्यतः अलकायदा और तालिबान के विद्ध था। अमरीका ने विश्व स्तर पर गिरफ्तारियां की और उनमें से कई को अन्तर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप से बचने के लिए क्यूबा के निकट गवान्तलामों की खाड़ी में रखा गया।
4. अमरीका के वर्चस्व की सांस्कृतिक शक्ति के विषय में विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर: - सामाजिक, राजनीतिक तथा विचारधारा के आधार पर दबदबा होना।
- खानपान द्वारा (मैकडान्लडीकरण)
- जींस का प्रचलन
- अच्छे जीवन और व्यक्तिगत सफलता की धरणा।
5. अमरीका के वर्चस्व से निबटने के विभिन्न उपायों के विषय में बताइये।
उत्तर: - विभिन्न देशों को अमेरिकी वर्चस्व का लाभ उठाना चाहिए।
- अमेरिका से दूरी बनाए रखना।
- राज्येतर संस्थाएं आगे आएं और प्रतिकार करें।
- स्वयंसेवी संगठन
- सामाजिक आन्दोलन, मीडिया, बुद्धिजीवी, कलाकार इत्यादि।
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